मानक हिंदी वर्णमाला तथा अंक/ standard Hindi alphabets and points
वर्ण भाषा की ध्वनियों के उच्चरित तथा लिखित दोनों रूपों के प्रतीक हैं। लिपि चिह्न भाषा के लिखित रूप के प्रतीक होते हैं। इस दृष्टि से लिपि-चिह्न वर्ण के अंतर्गत आते हैं। इन वर्गों के क्रमबद्ध समूह को 'वर्णमाला' कहते हैं। वर्णमाला में सर्वत्र एकरूपता बनाए रखने के लिए हिंदी वर्णमाला तथा अंकों का अद्यतन मानक स्वरूप निर्धारित किया गया है जो इस प्रकार है :-
हिंदी की वर्णमाला-
मूल व्यंजन -
क ख ग घ ङ
च छ ज झ ञ
ट ठ ड ढ ण ड़ ढ़
त थ द ध न
प फ ब भ म
य र ल व
श ष स ह
ड़ और ढ़ व्यंजन रूप हिंदी में स्वीकृत ध्वनियाँ हैं। इस तरह हिंदी वर्णमाला में मूलतः 11 स्वर तथा 35 (33 + 2) व्यंजन है
संयुक्त व्यंजन-
क्ष (क् + ष) त्र (त् + र) ज्ञ (ज् + ञ) श्र (श् + र)
अनुस्वार (शिरोबिंदु) - ऻ संयम
अनुनासिक (चंद्रबिंदु) - आँख
विसर्ग : प्रातः
हल चिह् न भगवत्
आगत वर्ण - क़ (क़लम),
ख़ (मुख़ालफ़त)
ग़ (ग़लत)
ज़ (कागज़)
फ़ (तकलीफ़)
अवग्रह - ऽ सोऽहं
अर्धचंद्र - आॅ डॉक्टर
हिंदी अंक
संविधान के अनुच्छेद 343 (1) के अनुसार संघ के राजकीय प्रयोजनों के लिए प्रयुक्त होने वाले अंकों का रूप भारतीय अंकों का अंतरराष्ट्रीय रूप होगा। परंतु राष्ट्रपति, संघ के किसी भी राजकीय प्रयोजन के लिए भारतीय अंकों के अंतरराष्ट्रीय रूप के साथ-साथ देवनागरी रूप का प्रयोग प्राधिकृत कर सकते हैं।
भारतीय अंकों का अंतरराष्ट्रीय रूप -
1 2 3 4 5 6 7 8 9 0
देवनागरी अंक -
१ २ ३ ४ ५ ६ ७ ८ ९ ०
नोट :
1. बारहखड़ी के अनुरूप ही ड़ और ढ़ के साथ भी मात्राओं का प्रयोग किया जाता है।
जैसे - कड़ा, गुड़िया, सड़ी, झाडू पढ़ा चढ़ी इत्यादि।
2. व्यंजनों के साथ 'ऋ' का संयोग होने पर शब्दों का निर्माण इस तरह होता है : -
जैसे - कृपा, गृह, घृणा, तृप्ति, पृष्ठ, मृत, सृष्टि।
3. ड ढ और ड़ ढ़ दोनों अलग ध्वनियां है।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें
सार्थक कमेंट्स करें, आपके कमेंट्स हमारे लिए अमूल्य है।