वाक्य संबंधी अशुद्धियाँ/sentence errors
वाक्य संबंधी अशुद्धियाँ -
जिस वस्तु के विषय में कुछ कहा जाता है, वह उद्देश्य तथा उद्देश्य के विषय में जो कुछ कहा जाता है, उसे सूचित करने वाले शब्दों को विधेय कहते हैं |
वाक्य निर्माण के नियम बने हुए हैं, परंतु उनके अध्ययन के अभाव में हम अनेक प्रकार से अशुद्धियाँ, त्रुटियाँ करते चले जाते हैं, जिनका भाव स्वयं लिखने वाले को भी नहीं होता। इन अशुद्धियों में हैं- संज्ञा संबंधी, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया, लिंग, वचन, कारक (परसर्ग) के प्रयोग, अव्यय, पदक्रम, द्विरुक्ति, पुनरुक्ति, अधिक पदत्व, विराम चिह्न आदि के प्रयोग संबंधी त्रुटियाँ। इसके लिए आवश्यक है संपूर्ण व्याकरण का गंभीर अध्ययन।
वाक्य संबंधी अशुद्धियों के कतिपय उदाहरण हैं -
व्याकरण अध्ययन के अभाव के कारण हम आम तौर पर अपने लेखन में उपर्युक्त अशुद्धियाँ करते हैं। इसके अतिरिक्त व्याकरण के विविध पक्षों, यथा- संज्ञा, सर्वनाम, उपसर्ग, प्रत्यय, विराम-चिह्न आदि का प्रयोग संबंधी अन्य अशुद्धियाँ सामान्यतः देखी जा सकती है। इसके लिए आपको चाहिए कि प्रत्येक अध्याय का एक बारगी अध्ययन करें तथा उसक व्यवहार में लाते रहे। इससे त्रुटि शोधन होता रहेगा।
वाकय-श्रचना सम्बन्धी अशुद्धियाऊ
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