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नई सदी से मिल रही, दर्द भरी सौगात/ Painful gift from the new century.

नई सदी से मिल रही, दर्द भरी सौगात।  बेटा कहता बाप से, तेरी क्‍या औकात।  पानी आंखों का मरा, मरी शर्म और लाज।  कहे बहू अब सास से, घर में मेरा राज।  भाई भी करता नहीं, भाई पर विश्‍वास।  बहन पराई हो गई, साली खासमखास।  मंदिर में पूजा करे, घर में करे क्‍लेश। बापू तो बोझा लगे, पत्‍थर लगे गणेश।  बचे कहां अब शेष हैं, दया, धरम, ईमान पत्‍थर के भगवान हैं, पत्‍थर दिल इंसान  फैला है पाखंड का, अंधकार सब और पापी करते जागरण, मचा-मचा कर शोर

हिंदी व्याकरण के उल्लेखनीय तथ्य जो जानना जरूरी/Important facts of Hindi grammar that you need to know.

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ऐसे अनेक प्रकार के उदाहरण हैं। जैसे नीचे दिए गए शब्दों में उनके साथ कोष्ठक के शब्द हिंदी व्याकरण के अनुसार ग़लत और त्याज्य हैं।  कागज़ - कागज़ों (कागज़ात, कागजातों) जज़्बा - जज़्बों (जज़्बात, जज़्बातों) फ़साद - फसादों ( फ़सादात, फ़सादातों) ज़ुल्म  - ज़ुल्मों (जुलमात, जुलमातों) संदर्भ और प्रयोग के अनुसार कभी-कभी कागज़ और कागज़ात भिन्नार्थक भी हो सकते हैं। जैसे: 1. चार सफ़ेद कागज़ दीजिए । 2.मकान के कागज़ात कहाँ रखे हैं? दोनों बहुवचन हैं, किंतु प्रयोग में भिन्नार्थी शब्द हैं। अरबी फ़ारसी से आगत शब्दों के बारे में अनेक आग्रह हैं। कहते हैं फ़ारसी 'पैवंद' हिंदी में 'पैबंद' हो गया जो है । यह तो तद्भवीकरण की प्रक्रिया है और हिंदी की सहज प्रवृत्ति भी ।  हिंदी में अधिकतर शब्द बदले रूप में ही प्रयुक्त होते हैं जैसे 'मुआमलह' < 'मामला', 'ज़ियादह' < 'ज़्यादा'। अरबी में "हाल" पुल्लिंग है, "हालत" स्त्रीलिंग,  बहुवचन "हालात" पुल्लिंग। वैश्विक नियम है कि आगत शब्दों में व्याकरण नियम ग्रहण करने वाली भाषा के लगेंगे। हम मूल