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हिंदी तूं जनभाषा ही नहीं जनाधार है/Hindi toon janabhaasha hee nahin janaadhaar hai.

देवनागरी लिपि ज्ञान/Devanagari script knowledge "आदि देववाणी जो धन्या, हिन्दी उसकी दिव्या कन्या, सरस सरल जय हिंदी भारतवाणी, विश्वप्रेम आधार अपार, हिन्दी से ही राष्ट्र-एकता हुई है साकार।''              कहने को तो रहते हैं, हम हिन्दोस्तान में,    बचते हैं बात करने से, हिन्दी जुबान में।

हिंदी की अकर्मक क्रिया का स्वरूप/Hindi ki akarmak kriya "aana".

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हिंदी में "आना" क्रिया के प्रयोग की अनेक छटाएं में प्राप्त होती हैं। यहाँ हम इसकी अर्थ छटाओं के कुछ आयामों की चर्चा करेंगे । आना गत्यर्थक अकर्मक क्रिया है जिससे वक्ता या उल्लिखित संदर्भित व्यक्ति के प्रति कर्ता की गति का बोध होता है।  (1)चलने के स्थान का उल्लेख 'से' अपादान कारक द्वारा तथा उद्दिष्ट स्थान, आने, पहुंचने के स्थान का बोध प्रायः 'तक' से हो सकता है वहां आना क्रिया का प्रयोग होता है। पीता जी घर आए। नेताजी दिल्ली से आगरा आए । मैं कानपुर से लखनऊ तक आपके साथ आ रहा हूँ। (2) एक विचित्र स्थिति तब आती है जब गतिशील कर्ता उद्दिष्ट स्थान के साथ आना क्रिया लगाता है जो स्थिर है और क्रिया का वास्तविक कर्ता भी नहीं है। तब मन के अर्थ बिंब के अनुसार अर्थ ग्रहण करते हैं। जैसे: स्टेशन आया, मैं उतर गया।  (स्टेशन नहीं, गाड़ी स्टेशन पर आई) अब आगरा आएगा (अब आगरा पहुँचेंगे) (3) किसी कौशल या विद्या की जानकारी होने के लिए भी आना किया प्रयुक्त होती है। ऐसी स्थिति में कर्ता के साथ 'को' विभक्ति लगती है। क्रिया प्रायः अपूर्ण पक्ष में होती है और इस संरचना को "जानना&quo

संघर्षी वर्ण श/स/ष में आधारभूत अंतर जाने/sh/sa/sh me aadharabhut antar jane.

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भारतीय भाषाओं में कुछ ध्वनियाँ ऐसी हैं जिनके आंचलिक उच्चारण कालांतर में मूल से छिटक गए हैं। कुछ समय के साथ लुप्तप्राय हो गए, कुछ बहस का मुद्दा बने और कुछ मिलती-जुलती ध्वनि के भ्रम में फँस गए। उच्चारण के विषय में इस प्रकार की दुविधा को देखते हुए मैं समय-समय पर भाषा, लिपि और ध्वनियों की बारीकी स्पष्ट करते हुए आलेख प्रकाशित करने को प्रतिबद्ध हूं। आगामी हिन्दी दिवस पर इसी शृंखला में एक और बड़े भ्रम पर बात करना स्वाभाविक ही है।  यह भ्रम है श और ष के बीच का। भारतीय वाक् में ध्वनियों को जिस प्रकार मुखस्थान या बोलने की सुविधा के हिसाब से बाँटा गया है उससे इस विषय में किसी भ्रम की गुंजाइश नहीं रहनी चाहिए क्योंकि इसका वर्गीकरण वैज्ञानिक है परंतु हमारे हिन्दी शिक्षण में जिस प्रकार सतर्कता के अभाव के साथ-साथ तथाकथित विद्वानों द्वारा परंपरा के साथ अस्पृश्यता का व्यवहार किया जाता है उससे ऐसे भ्रम पैदा होना और बढ़ना स्वाभाविक है। ष की बात करने से पहले सरलता के लिये आइए आरंभ "श" से करते हैं। श की ध्वनि सरल है। आमतौर पर विभिन्न भाषाओं में और भाषाओं से इतर आप श (SH) जैसी जो ध्वनि बोलते सुनते हैं

संघ लोक सेवा आयोग का हिंदी भाषा व्यवहार/Hindi language behavior of Union Public Service Commission

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- कृपया इस वाक्य को पढ़ें भारत में संविधान के संदर्भ में, सामान्य विधियों में अंतर्विस्ट प्रतिषेध अथवा निर्बंधन अथवा उपबंध, अनुच्छेद 142 के अधीन सांविधानिक शक्तियों पर प्रतिरोध अथवा निर्बंधन की तरह कार्य नहीं कर सकते।   ये दो वाक्य भी देखें :- पहला 'वार्महोल' से होते हुए अंतरा-मंदाकिनीय अंतरिक्ष यात्रा की संभावना की पुष्टि हुई। दूसरा- यूएनसीएसी अब तक का सबसे पहला विधितः बाध्यकारी सार्वभौम भ्रष्टाचार विरोधी लिखत है। क्या आप इन वाक्यों को समझ सके? ये हैं क्या? ये सिविल सेवा की प्रारंभिक परीक्षा 2019 में पूछे गए प्रश्नों की हिंदी भाषा के कुछ नमूने हैं। मूल प्रश्न पत्र अंग्रेजी में तैयार होता है और उसी प्रश्न के नीचे उसका हिंदी अनुवाद दिया जाता है यानी वह 'अनुदित हिंदी' है। अब मैं आता हूं मूल समस्या पर आइएएस बनने के लिए आपको 200 अंकों वाले सौ प्रश्नों के सामान्य अध्ययन के पेपर में सामान्यतया 100 अंक लाने ही होते हैं। परीक्षा में कुल लगभग 5-6 लाख युवा बैठते हैं, जिनमें से 10-12 हजार का चयन होना होता है। इन आंकड़ों से आप इस तथ्य का अनुमान तो लगा ही सकते हैं कि 0.01 अंक

वैज्ञानिक,तकनीकी शब्दावली में स्वीकृत हिंदी शब्दावली निर्माण के सिद्धांत

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Principles of Hindi vocabulary formation accepted in scientific, technical terminology. 1. अंतर्राष्ट्रीय शब्दों को यथासंभव उनके प्रचलित अंग्रेजी रूपों में ही अपनाना चाहिए और हिंदी व अन्य भारतीय भाषाओं की प्रकृति के अनुसार ही उनका लिप्यंतरण करना चाहिए। अंतर्राष्ट्रीय शब्दावली के अंतर्गत निम्नलिखित उदाहरण दिए जा सकते हैं :-  क) तत्वों और यौगिकों के नाम जैसे हाइड्रोजन, कार्बन डाइऑक्साइड आदि; ख) तौल और माप की इकाइयाँ और भौतिक परिमाण की इकाइयाँ जैसे डाइन, कैलॉरी,ऐप्पियर आदि; ग) ऐसे शब्द जो व्यक्तियों के नाम पर बनाए गए हैं जैसे मार्क्सवाद (कार्ल मार्क्स ), ब्रेल (ब्रेल), बॉयकाट (कैप्टन बॉयकाट), गिलोटिन (डॉ• गिलोटिन), गेरीमैंडर (मि.गेरी), एम्पियर (मि एम्पियर) फारेनहाइट तापक्रम (मि. फारेनहाइट) आदि; घ) वनस्पति विज्ञान, प्राणी विज्ञान, भूविज्ञान आदि की द्विपदी नामावली; ङ) स्थिरांक जैसे ग, g आदि। च) ऐसे अन्य शब्द जिनका आमतौर पर सारे संसार में व्यवहार हो रहा है जैसे रेडियो, पेट्रोल, रेडार, इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन, न्यूट्रॉन आदि; और छ) गणित और विज्ञान की अन्य शाखाओं के संख्यांक, प्रतीक चिह्न और सूत्र,