हिंदी तूं जनभाषा ही नहीं जनाधार है/Hindi toon janabhaasha hee nahin janaadhaar hai.
"आदि देववाणी जो धन्या,
हिन्दी उसकी दिव्या कन्या,
सरस सरल जय हिंदी भारतवाणी,
विश्वप्रेम आधार अपार,
हिन्दी से ही राष्ट्र-एकता हुई है साकार।''
कहने को तो रहते हैं, हम हिन्दोस्तान में,
बचते हैं बात करने से, हिन्दी जुबान में।
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